प्रात: काल नभ से , बहती किरणो की धाराए ।
लुप्त हुआ तमस है , पुष्प,पौधे,तरू हर्षाए ।।
पक्षी को मिला संसार नया,
उड़ने को,चहचहाने को ।
जन्तु को मिला लक्ष्य नया ,
अपनी किस्मत आजमाने को ।।
किसी को जगाए ,समय की पहचान कराए ।
नया समय,नई शुरुआत का अहसास दिलाए ।।
जिसने तुम्हे कमजोर बनाया,
भुल बीती उन बातो को ।
नया समय,सवेरा नया नई उमंग है लाया,
नए मार्ग पर बढते जा,पाने अपने लक्ष्य को।।
बहुत अच्छा
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