रंग बरस रहा है फिजाओ में ,
हम खोए उनकी अदाओ में ।
की आयेगी वो करीब हमारे ,
हम पुष्प बिखेरेंगे उनकी राहो में।
टकते रहे जी भरकर उनको,
हेै रंग गुलाल लगाने को ।
इंतजार कर रहे थे उनका ,
उन्हे रंगो से सजाने को ।
इतने में ही एक इन्तेहा हो गई ,
वह खुद ही मेरे करीब आ गई ।
हाथो में लिये हुए इश्क का रंग ,
फिर से वह मेरे दिल को भा गई ।।
एक सुनहरा स्पर्श हुआ गालो पर ,
मिल गई है अब नजरो से नजर ।
हे हो गई धड़कन तेज मेरी ,
लगता है दिल पर हुआ असर ।।
सोचा था हम उनके करीब जाएंगे ,
अपना हाथ उनके हाथो में थमाएंगे ।
स्पर्श करेंगे उनके मखमली गालो का ,
और फिर उनकी यादो में खो जाएंगे ।।
जैसा सोचा था वैसा हुआ नही ,
जो हो रहा वह है बहुत सही ।
वो देखकर मुझको मुस्कुराई ,
और पुछ बैठी क्या खो गए कही ।।
क्या कहु की डुबा था तुम्हारे खयालो में ,
साथ चलना तुम्हारे,जीवन की इन राहो में ।
लेकिन कुछ न निकला जुबा से मेरे ,
उलझ कर रह गया अपने ही सवालो में ।।
काश तुम खुद ही मेरे जज्बात को समझ लों ,
मैं सुनता हु रोज तुम भी मेरी धड़कन को सुन लो ।
और कर ही दो इज्हारे इश्क रंग लगाने के बहाने.........
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