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Friday, January 4, 2019

चित्रकार


एक नया संसार रचने ।
चला है व्याकुल एक मुसाफिर ।।
अस्त्र लिए तैयार अपने ।
संजाने को नया संसार फिर ।।
कुछ देखा सा ,कुछ है सपने ।
कुछ लिए अपनी कल्पना के नीर ।।
अपने संसार को संवारने ।
पग में है तेजी, मन में है धीर ।।
उड़ता जा रहा संसार को रंगने ।
मानो बहता हुआ समीर ।।
चित्र अपने संसार के उकेरने ।
निकला था वह मुसाफ़िर ।।

Thursday, January 3, 2019

नववर्ष

नव वर्ष का मधुर आगमन ।
स्वागत करने उत्साहित मन ।।
नए लक्ष्य है , है कुछ सपने ।
पुर्ण करने का करना जतन ।।
भुल बीती बातो को उन ।
जिसने दुखाया तेरा मन ।।
नया समय,भविष्य नया लिखने ।
सही निर्णय संग बड़ा कदम ।।