कभी हारते- कभी जीतते चलती रहेगी जिंदगी,
कुछ सीखते - कुछ भुलते ढलती रहेगी जिंदगी ,
ढलते हुए - चलते हुए राह पर पत्थर मिले,
कुछ है लगे - कुछ है सजे,खिलती रहेगी जिंदगी ।
कुछ सीखकर गए भुल तुम , भुलो से ही सीखे हो तुम ,
कुछ नया भी अब सीख लों, कुछ भुल गए तो क्या बुरा?
कभी दौड़ते- कभी हांफते, लड़ती रहेगी जिंदगी ,
कुछ जोश में- कुछ होश में, मिलती रहेगी जिंदगी,
लड़ते हुए - मिलते हुए, रंगमंच पर योद्धा मिले,
कुछ में सादगी - कुछ है चपल, दिखती रहेगी जिंदगी ।
कभी दौड़ते हुए रुक गए, रुकने से ही सोचोगे तुम,
जो रुककर मिला वो ना मिले, रुक भी गए तो क्या बुरा?
कभी उठते - कभी गिरते, सीखाती रहेगी जिंदगी,
कुछ खुदको - कुछ अपनों को, दिखाती रहेगी जिंदगी
सिखाते हुए - दिखाते हुए, राहों में राह मिले ,
कुछ गम - कुछ खुशी का, अहसास कराती रहेगी जिंदगी।
कभी गिरते हुए चोंटे लगी, चोंटो से है सीखे हो तुम,
अब उठ खड़े हो फिर से तुम, चोंट लगी तो क्या बुरा?
कभी रोते - कभी हंसते, मनाती रहेगी जिंदगी,
कुछ सोच - कुछ अफसोस में, डराती रहेगी जिंदगी,
डराते हुए - मनाते हुए, कभी अपने पराए मिले ,
कुछ नजदीक - कुछ दूर खड़े, बढ़ती रहेगी ज़िंदगी।
कभी सोचा था वो ना हुआ, इस सोच में बैठे हो तुम
कुछ नया भी अब सोच लो, कुछ हो गया तो क्या बुरा?